हनुमान जी का पराक्रम – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

🌹प्रभाती पुष्प🌹 हनुमान जी का पराक्रम छंद:- जलहरण घनाक्षरी राम जी का कहा मान, बचाया लखन प्राण, तुरत ही धौला गिरी, उठा लिया करतल। लंकापति रावण ने, अवरूद्ध किया रास्ता,…

मनहरण घनाक्षरी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

छंद:- मनहरण घनाक्षरी नदी बीच बिना चीर कभी ना नहाना नीर, सबक सिखाते हमें, सांवला सांवरिया। प्यार को जगाने हेतु राधा को रिझाने हेतु, छिपके कंकड़ मार, फोड़ते गगरिया। सभा…

मतदान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

हर पाँच सालों पर चुनावी त्यौहार आता, बनाने को सरकार, करें हम मतदान। परिजन मिल कर घर से निकल कर, मतदान केंद्र जाएँ, लेके कोई पहचान। जागरूक मतदाता, देश का…

राम नवमी- दीपा वर्मा

कृष्ण जन्म को कृष्णाष्टमी कहते हैं, राम के जन्म दिन को रामनवमी कहते हैं। दोनों ही भगवान हैं, दोनों ही एक हैं। रामनवमी मना रहे हम सारे सब की जुबां…

कट जाता बंधन- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

जलहरण घनाक्षरी छंद एक साथ चारों भाई पालने में झूल रहे, देख मनोहारी छवि, पाया दुनिया का धन। ऐसे रघुवर पर दिल बलिहारी जाए, राजीव नयन पर, है तन-मन अर्पण।…

किस विधि लूं तेरी थाह प्रिय – मनु रमण चेतना

दिल में है सच्चा प्यार मगर , करते क्यों ना इकरार प्रिय। बस सुनने को व्याकुल है मन, क्यों करते हो इनकार प्रिय। तेरी चाहत और अनंत प्रेम का किस…