भक्त खड़ा तेरे द्वार, सुन लो मात पुकार।।
नज़रिया फेर कर मातु, कर दो तुम उद्धार।
रचे हम क्या दो बतला, शब्दों को दो- चार।
वर्णन तेरी कर सकूॅं, लेखन को दो धार।।
वर्ण सीपि को चुनें बिना, बना न पाऊॅं हार।
मैं मतिमंद कहॉं चुनूॅं, सिंधु गर्त निस्तार।।
नीर क्षीर विवेक भरो, होकर हंस सवार।
सात सुरों से लय सजा, छेड़ो वीणा तार।।
अश्रु धारा से मॉं लूॅं, तेरी चरण पखार।
स्वर ज्ञान का दान करो, सुन लो मातु पुकार।।
कलुष पंक का नाश कर, उत्पल करो विचार।
रख दो सिर पर हाथ मॉं, कीर्ति करो विस्तार।।
निर्मल मन मेरा करो, मॉं इतना उपकार।
सद्कर्म में लीन रहें, पथ कर दो गुलजार।।
लेकर चरण धूल मॉं, निज मस्तक पर धार।
दे दो मुझे ऐसा वर, हों भव सागर पार।।
राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज, पटना