फलों का राजा आम- बाल कविता
फलों का राजा होता आम।
मन को ताजा करता आम।।
मीठे खूब रसीले आम।
हरे, लाल और पीले आम।।
बच्चे, बुढे सभी ललचाए।
बड़े चाव से इसको खाए।।
गर्मी का जब मौसम आए।
बाग-बगीचे हाट महकाए।।
आम के हैं विविध प्रकार।
खाने को हरपल तैयार।।
चटनी, कुचला और अचार।
आमस पेय जैसे उपहार।।
मधुबनी की कृष्णा भोग।
भागलपुरी जर्दालू संयोग।।
मिलता शक्ति घटता रोग।
दूर- दराज इसका उपयोग।।
मुंगेरी चुरम्बा मालदा आम।
समस्तीपुर में बथुआ का नाम।।
पश्चिम चंपारण का जर्दा आम।
सुपौल में गुलाबखास का दाम।।
बंबइया सीतामढ़ी की शान।
कलकतिया दरभंगा की जान।।
चौसा बक्सर की पहचान।
हमको इनपर है अभिमान।।
मधेपुरा, कटिहार का मालदा।
पटना की है दुधिया मालदा।।
फलों से रहता पेड़ लदा।
मिलता है सबको यदा-कदा।।
चलो बाग में घूम कर आएँ।
मीठे आम चुन कर लाएँ।।
मिलजुल कर आपस में खाएँ।
गर्मी पल भर भूल हीं जाएँ।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज पटना।
संपर्क – 9835232978