जीवन खुशियों से जब भरता,
मन करता मैं भी कुछ गाऊँ।
जब शीतल मंद सुगंध हवा हो,
खुशियों के संग मैं गीत सुनाऊँ।
तरुनाई जब पुरवाई की हो,
मन करता मैं भी कुछ गाऊँ।
जीवन के पावन पलों में,
मन करता कुछ गीत सुनाऊँ।
जीवन की बगिया जब महकी,
सुर में सुर और ताल मिलाऊँ।
नयना जब खुशियों से भर आए,
मन करता मैं भी कुछ गाऊँ।
झोंके हों जब मंद पवन के,
दिल से प्रेम का राग बताऊँ।
दिल के हर कोने से भी,
मीत सरिस एक गीत सुनाऊँ।
बासंती परिधानों की हो जब बेला,
उसके संग मन प्रीत बढ़ाऊँ।
जब दिल में प्रेम हिलोरें लेती,
तब मन करता मैं भी कुछ गाऊँ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा, जिला- मुजफ्फरपुर
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