माता का सम्मान हमेशा- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

माता का सम्मान हमेशा

कन्याओं को जब रहने दोगे ,
तभी  तो   माँ   बन पाएगी ।
उदर में ही खत्म करने पर तुले अगर हो
तो फिर  कैसे माता का फर्ज  निभाएगी !

एक  स्त्री  का   माता   बनना ,
उसका   नैसर्गिक अधिकार है ।
इसके सिवा यदि सब कुछ   हो
तो  भी   उसका   प्रतिकार   है ।

माँ  के आँचल में जो सुख मिलता ,
उसे  कहाँ  से   ढूँढ   के   लाओगे ?
यदि लिंग  भेद की कुदृष्टि बनी रही
तो  कभी   चैन  नहीं   तुम  पाओगे ।

माता का स्थान हमेशा
स्वर्ग   से  भी ऊपर  है ।
इस बात का सदैव ध्यान रखो ,
नहीं तो सारी दुनिया ही ऊसर है ।

दिल न दुखाना कभी माता का ,
वह  देवी   माँ   की  सूरत   हैं ।
क्रोध न  कभी   उनपर  करना ,
साक्षात्  लक्ष्मी  की  ही मूरत हैं ।

आशीर्वाद लेते रहना सदा माता का
तभी  तो  तुम  कुछ  बन   पाओगे ।
असली तरक्की तुम्हारी तभी बनेगी  ,
जब उन्हें पल- पल  सम्मान  दिलाओगे ।

मातृ दिवस तो केवल संकेतक  ,
हमें आजीवन  ऋणी  रहना  है ।
यदि कुछ भी कह  दें   बात  कभी
तो सब कुछ धैर्यपूर्वक ही सहना है ।

ख्याल करो उनके सुख दुःख का
और माता  का  सदा ध्यान  धरो।
इस जग में  तुम्हारे  जीवन दात्री,
हरदम   उनका   सम्मान    करो ।

 

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला प्रशासन

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