हम शिक्षक ज्ञान के दीपक हैं ,
सदा ज्ञान का प्रकाश फैलाते।
कथनी करनी में भेद नहीं ,
जीवन का यही राग सुनाते।।
बच्चों के सुनहरे सपने को ,
हम अपना सदा बनाते हैं ।
नए- नए कुछ करने को,
नई रीत सदा सिखलाते हैं।।
जीवन के दोराहे पर,
जब बच्चे विचलित होते हैं।
समझाकर ज्ञान की बातों को,
उनको आह्लादित करते हैं।।
हममें न कोई जाति पंथ।
हममें न कोई धर्म ग्रन्थ।।
हम जाते हैं हर गलियों में,
भारत का सौभाग्य बढ़ाते हैं।
प्यारे प्यारे उन बच्चों को,
नित नया ज्ञान सिखाते हैं।।
हम रमते हैं लक्ष्यों में अपने,
साथ लिए जिसको जीते हैं ।
कुछ भी हो जाए इस जग में ,
पर धैर्य न बिल्कुल खोते हैं।।
हम शिक्षक स्नेह के प्याले भी ,
बच्चों को स्नेह के घूँट पिलाते हैं।
वे पहले हमारे दुलारे हैं,
फिर भारत के भाग्य कहलाते हैं।।
उनको गढ़ने में लगता पल-पल मन,
हम युधिष्ठिर, कृष्ण बनाते हैं।
जीवन के अनगिनत राहों में,
उन्हें सच्ची सीख सिखाते हैं।।
जहाँ पीछे सब रह जाते हैं ,
हम आगे की राह बताते हैं ।
पल- पल उन्हें सँवारने में ,
हम कठिन लक्ष्य भी बुनते हैं।
कुछ सहना पड़ता इन राहों में ,
हँस- हँसकर भी इसे चुनते हैं।।
जब विपदा आती हम सब पर ,
कभी शोर नहीं मचाते हैं।
अपने कर्त्तव्यों को सदा आगे रख ,
भारत की तस्वीर बनाते हैं।।
हम भारत के भाग्य विधाता हैं ,
सदा बच्चों की बात बताते हैं।
उनके भविष्य उज्ज्वल करने में ,
सदा अपना पुरुषार्थ दिखाते हैं।।
जिससे भारत का मान बढ़े ,
हम वैसे ही कदम उठाते हैं।
हम शिक्षक ज्ञान के दीपक हैं,
सदा भारत की शान बढ़ाते हैं।।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा , जिला- मुजफ्फरपुर