Amarnath सिया के राम आए हैं
मिलन फुलवारी की देखो,
यहाँ सिया के राम छाए हैं।
मिथिला की इन गलियों में,
पाहुन श्रीराम आए हैं ।
जगत कल्याण करने को,
सिया के राम आए हैं।
ये कौशल्या के लाला हैं ,
ये दशरथ दुलारे हैं ।
ऋषि विश्वामित्र हैं गुरुवर ,
जनकपुर धाम लाए हैं ।
जगत कल्याण करने को ,
सिया के राम आए हैं ।
जिधर देखो उनकी बातें ,
मानों जादू चलाए हैं ।
यह वेला पुष्प चुनने की ,
मिलन की आस लाए हैं ।
जगत कल्याण करने को ,
सिया के राम आए हैं ।
मनोहर मुस्कान है उनकी ,
रिझाने मन को आए हैं ।
है धनुष बाण कंधे पर ,
डराने शत्रु आए हैं ।
जगत कल्याण करने को ,
सिया के राम आए हैं ।
मनोहर दर्शन हैं इनके ,
मानो कामदेव छाए हैं ।
उनकी सूरत मोहनी है ,
सभी के हृदय समाए हैं ।
जगत कल्याण करने को ,
सिया के राम आए हैं ।
जन्मों का संग पिया का है ,
उनके प्रभु राम प्यारे हैं ।
बहाना धनुष यज्ञ है केवल ,
मिलन के तार सारे हैं ।
जगत कल्याण करने को ,
सिया के राम आए हैं ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर