सिया के राम आए हैं- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

Amarnath सिया के राम आए हैं

मिलन फुलवारी की देखो,
यहाँ सिया के राम छाए हैं।
मिथिला की इन गलियों में,
पाहुन श्रीराम आए हैं ।

जगत  कल्याण   करने   को,
सिया   के   राम   आए    हैं।

ये कौशल्या के लाला हैं ,
ये दशरथ दुलारे हैं ।
ऋषि विश्वामित्र हैं गुरुवर ,
जनकपुर  धाम  लाए  हैं ।

जगत कल्याण करने को ,
सिया  के  राम  आए   हैं ।

जिधर देखो उनकी बातें ,
मानों जादू चलाए हैं ।
यह  वेला  पुष्प चुनने की ,
मिलन  की आस  लाए हैं ।

जगत  कल्याण  करने को ,
सिया  के   राम  आए    हैं ।

मनोहर मुस्कान है उनकी ,
रिझाने   मन   को  आए  हैं ।
है   धनुष    बाण   कंधे   पर ,
डराने     शत्रु     आए   हैं ।

जगत  कल्याण  करने   को ,
सिया   के   राम    आए   हैं ।

मनोहर   दर्शन  हैं   इनके ,
मानो  कामदेव छाए हैं ।
उनकी सूरत मोहनी है ,
सभी के  हृदय   समाए  हैं ।

जगत  कल्याण करने  को ,
सिया  के   राम   आए  हैं ।

जन्मों का संग पिया का है ,
उनके  प्रभु  राम  प्यारे   हैं ।
बहाना  धनुष यज्ञ है केवल ,
मिलन  के   तार   सारे   हैं ।

जगत  कल्याण  करने  को ,
सिया    के   राम  आए   हैं ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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