राष्ट्रकवि दिनकर-ब्यूटी कुमारी

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राष्ट्रकवि दिनकर

युगधर्म के हुंकार थे,
बेगूसराय, बिहार के कर्णधार थे।
23 सितंबर 1908 को सिमरिया में जन्म हुआ जहां बहती है
गंगा की पावन जलधारा,
रामधारी सिंह दिनकर उनका नाम था।
राष्ट्रीय मिडिल स्कूल में
प्राथमिक शिक्षा मिली।
बचपन रहा संघर्ष पूर्ण,
दिनकर की रचना भारत की
आजादी में स्वतंत्रता सेनानी
का पथ प्रदर्शक रहा।
दिनकर की लेखनी युवाओं को
बलिदान को तत्पर रहने
का आह्वान किया।
वे क्रांति के थे उद्गाता,
कुरुक्षेत्र उर्वशी रेणुका रश्मिरथी
इनकी प्रमुख थी कृतियां।
समर शेष है, नहीं पाप
का भागी केवल व्याध
जो तटस्थ है, समय लिखेगा
उनके भी अपराध।
सूर्य चंद्र भूगोल खगोल
कलम, आज उनकी जय बोल
थी उनकी कविता की बोल।
साहित्य अकादमी, पद्मभूषण
ज्ञानपीठ पुरस्कार से हुए सम्मानित।
मिली प्रसिद्धि राष्ट्रकवि कहलाए।

ब्यूटी कुमारी
मध्य विद्यालय मराँची
बछवाड़ा, बेगूसराय

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