मां शारदे-नूतन कुमारी

Nutan

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माँ शारदे

माता तुम्हारे चरणों की दासी हूँ दातिये।
तेरे स्वरूप को मेरी अँखियन प्यासी है दातिये!
मुझे वर दे, मुझको स्वर दे, ओ मां शारदे -2

माँ तुझको पुकारूँ मैं,
तन-मन भी वारूँ मैं,
लोभ-लिप्सा दूर करो,
मेरे कष्टों को हरो,
तेरा वंदन मैं करूँ!

माता तुम्हारे चरणों की दासी हूँ दातिये।
तेरे स्वरुप को मेरी अँखियन प्यासी है दातिये!
मुझे वर दे, मुझको स्वर दे, ओ मां शारदे -2

निश्छल है तेरी महिमा,
तिमिर को दूर करो मां,
तू ही रमा, श्री, कमला,
मैं दीन दुखी इक अबला,
मेरी शक्ति तुम बनो!

माता तुम्हारे चरणों की दासी हूँ दातिये।
तेरे स्वरूप को मेरी अँखियन प्यासी है दातिये !
मुझे वर दे, मुझको स्वर दे, ओ मां शारदे -2
ओ मां शारदे..ओ मां शारदे….
ओ मां शारदे

नूतन कुमारी 
पूर्णियाँ, बिहार

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