नव वर्ष का सार्थक संदेश-सुरेश कुमार गौरव

Suresh kumar

Suresh kumar

नव वर्ष का सार्थक संदेश

नव वर्ष का आज शुभ दिन है आया
सब लोगों में सार्थक संदेश‌ है लाया।

कई खट्टी-मीठी अनोखी यादें छोड़ गया
पर नवस्फूर्ति ला यह सबके मन भाया।

नई आशा और नई उमंगों भरी है छाया
आज सबने एक नया आशा गीत है गाया।

जो गलतियां हुई उसे भूलना है आज
नई सोच और अच्छा करना है काज।

गर बीते साल ने हंसाया और रुलाया भी
पर कई सपने और इनके अर्थ बताया भी।

कई साथ छोड़ गए और कई जुड़ भी गए
कई तो अपने जीवन कर्मों से मुड़ भी गए।

किसी ने कहा जहां चाह है वहां राह है
जिसने सब झेला उनके लिए सिर्फ वाह है।

जीवन संग्राम में करना अपना कर्म है
स्वमातृभूमि को नमन ये अपना धर्म है।

करते रहें, चलते रहें कभी न रुके झुकें
कोई भी किसी से सदा के लिए न रूठें।

कहता है कवि ह्रदय यह बात सबों से
जीयो और जीने दो सुशब्द कहें लबों से।

नव वर्ष का आज शुभ दिन है आया
सब लोगों में सार्थक संदेश है लाया।

✍️सुरेश कुमार गौरव शिक्षक

पटना बिहार
स्वरचित और मौलिक
@सर्वाधिकार सुरक्षित

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