चहक -अशोक कुमार

Ashok

चहक उठे सब बच्चे,
जैसे चिड़िया चहकती।
नित्य विद्यालय जाना,
जैसे मन मचलता।।

खेल खेल में शिक्षा,
हमें आनंदित करे।
विद्यालय जाने के लिए,
हमें प्रेरित करे।।

भयमुक्त वातावरण में,
हम स्वच्छंद रहते हैं।
घर से अच्छी भली,
विद्यालय हमें लगती है।।

चुनू मुन्नू स्कूल चलो,
खूब मस्ती करेंगे।
खेल खेल में हम,
शिक्षा तालीम करेंगे।।

नई नई गतिविधी,
रोज कराई जाती।
सबको मौका मिलता,
खूब हमें भाती।।

चूहा बिल्ली का खेल,
हमें अच्छी लगती है।
तोता मैना की बोली,
हम भी बोलते है।।

मेंटर
अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआव कैमूर

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