मामा – शेखर कुमार सुमन

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मामा

देखो मेरे मामा आए,
साथ अपने आम लाए |
लीची भी वो लाते है,
रसगुल्ले खूब खिलाते है |

जब मम्मी गुस्साती है,
मुझे मारने आती है |
पापा दौड़े आते है,
मामा मुझे हँसाते है |

कल मामा घर जायेंगे,
मुझे भी साथ ले जायेंगे |
रेल पर चढ़ायेंगे,
नाना- नानी से मिलवायेंगे |

 

शेखर कुमार सुमन

शिक्षक

प्राथमिक विद्यालय निषाद टोला फुलडोभी,

फलका, कटिहार

शेखर कुमार सुमन

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