शान है “हिंदी” -डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

Dr. Anupama

जान है हिन्द जुबान है हिंदी
प्यारे वतन की “शान” है हिंदी ,
शब्द-कोश की सबसे सुन्दर
“मातृभाषा” का नाम है हिंदी ।

पूज्य है जितनी जन्मभूमि
उतनी ही प्यारी है भाषा ,
सारे जग में तेरा शान बढ़े
जन-जन की है यह अभिलाषा ।

कृपा मिली देवों का इसको
संस्कृति की मान है हिंदी ,
सहज सुलभ जो समझ में आये
अन्तर्मन की “ज्ञान” है हिंदी ।

पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण
चहूं दिश की स्वाभिमान है हिंदी ,
विश्व  पटल पर हमें दिलाती
हम सबको “पहचान” है हिंदी ।

राजभाषा का प्राप्त है गौरव
“भारत”की अभिमान है हिंदी ,
घर -घर में है बोली जाती ,
सबका पाती “सम्मान” है हिंदी ।

सब भाषायें बेशकीमती
सबमें हीरे की खान है हिंदी ,
जीवन को जीवंत बनाये
जम्बूद्वीप की “जान” है हिंदी ।

मातृभूमि से प्यार  जिन्हें है
उसके लिए तो प्राण है हिंदी,
सबकी प्यारी “राज दूलारी”
इसलिए  तो महान है हिंदी ।

 

स्वरचित एवं मौलिक
डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा 
मुजफ्फरपुर,बिहार

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