बिटिया-कुमकुम कुमारी

बिटिया

हे जन्मदाता, भाग्य विधाता,
पूज्य पिता जनक हमारे

मैं भी तेरे बागों की कलियाँ
जैसे भैया हैं हमारे
हमको भी चलना सिखा दो बाबा
पकड़ के हाथ हमारे

हे जन्मदाता भाग्य विधाता
पूज्य पिता जनक हमारे

हमको बाबा गोद खेलाया
धन्य है भाग्य हमारे
भैया जैसा हमें भी पढ़ा दो बाबा
चरण पडूँ मैं तुम्हारे

हे जन्मदाता भाग्य विधाता
पूज्य पिता जनक हमारे

ज्ञान का अलख जगा दो बाबा
हमको भी पढ़ा लिखा दो बाबा
पढ़ लिख जाऊँ, नाम कमाऊँ
बिटिया होने पे न शरमाऊँ

हे जन्मदाता भाग्य विधाता
पूज्य पिता जनक हमारे

बिटिया तू तो जननी है
इस विश्व की धरणी है
भैया जैसा तुझे भी पढ़ाऊँ
यही कर्म हो हमारे

बिटिया मेरी शान है
तू तो मेरा अभिमान है

बिटिया तुझको खूब पढ़ाऊँ
पढ़ा लिखा कर सबल बनाऊँ
भैया जैसा तुझे भी बनाऊँ
यही आदर्श हो हमारे

बिटिया मेरी शान है
तू तो मेरा अभिमान है

बिटिया मेरी पढ़ लिख जाए
पढ़ लिखकर खूब नाम कमाए
दोनों कुलो का मान बढ़ाए
यही अरमान हो हमारे

बिटिया मेरी शान है
तू तो मेरा अभिमान है

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
यही संकल्प दोहराना है
हिंदुस्तान का मान बढ़ाना है
पिता का फर्ज निभाना है
इंसानियत का मान बढ़ाना है।

कुमकुम कुमारी
मध्य विद्यालय बाँक
जमालपुर, मुंगेर

Leave a Reply