चिड़िया की आंख-सुधीर कुमार

चिड़िया की आंख कौरव और पांडव थे, चचेरे भाई जाने जाते। द्रोणाचार्य थे गुरु सबके, जो राज गुरु कहलाते। कौरव और पांडव को वे, सिखलाते धनुष चलाना। उनका था उद्देश्य…

अपना गांव तथा बचपन–शुकदेव पाठक

  अपना गांव तथा बचपन अपना गांव लगता बड़ा प्यारा गुजरा यहां है बचपन हमारा गांव के अपने चाचा–ताऊ खुश होते देख भाई–भाऊ। गांव का वातावरण होता ऐसा रहते साथ…

लक्ष्य-रूचिका

लक्ष्य लक्ष्य जीवन का सदा एक बनाइये, अपने लक्ष्य की पूर्ति में जुट जाइये। मेहनत कभी जाया नही जाता बच्चों, मेहनत को ही अपनी आदत बनाइये। रोज के अभ्यास से…

उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं-ब्रह्मकुमारी मधुमिता

  उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं  हौसले की उड़ान भर तू राही, कभी थमना नहीं… चलता चल जीवन पथ पर, क्योंकि… उम्मीदों का आकाश कभी झुकता नहीं.. बाधाएं तो…

सुख दुःख-लवली वर्मा

सुख दुःख संघर्ष भरे इस जीवन में, सुख-दुःख आते जाते हैं। कभी पुष्प से खिलते हम, दुःख से कभी मुरझाते हैं। क्षण आता है कभी ऐसा, विचलित हम हो जाते…

शिक्षा व्यवस्था कैसी हो-स्वाति सौरभ

शिक्षा व्यवस्था कैसी हो? कैसी हो शिक्षा व्यवस्था? करते हैं आज हम चर्चा, न कठोर सजा का प्रावधान हो, न फीस शिक्षा में व्यवधान हो। न विद्यालय मीलों दूर हो,…