दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

शीत मास में हम सभी, रखें गात का ध्यान। स्वस्थ देह सद्कर्म ही, सुखद शांति संज्ञान।। दस्तक दी है शीत ने, ओढ़ रजाई प्रीति। हों सेवन रवि-रश्मि का, यही सुखद…

दिवाली का त्यौहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

उत्साह उमंग संग दूधिया प्रकाश पर्व, साल भर बाद आता दीपावली का त्यौहार। आपस में सब मिल घरों की सफाई करें, अमीरों-गरीबों को भी रहता है इंतजार। घरों को सजाते…

जीवन दीप जलाना सीखें – स्नेहलता द्विवेदी

हम सब प्रेम पुजारी मिलकर, जीवन दीप जलाना सीखें। जग में फैले अंधकार को, कर्म रश्मि नहलाना सीखें। अपना घर तो सुंदर सजता, उस घर को भी सजाना सीखें। जिसके…

शैक्षणिक गतिविधि – नीतू रानी

आओ बच्चों सब मिलकर करना आज शैक्षणिक गतिविधि, अगर थक जाएगा तो थोड़ा लेना पानी पी। चित्र बनाना, गाना, गाना नाचना, खेलना रहना खुश, आज पिलाएँगे तुम सबको हम ठंडे…

प्रकाश का परावर्तन – ओम प्रकाश

किरणें जो सतह से टकराए कहलाती हैं आपतित, टकरा कर लौटती किरणें कहलाती हैं परावर्तित.. हो सतह यदि चिकनी-समतल तो परावर्तन होता है नियमित, हो सतह रुखड़ी, उबड़-खाबड़ तो परावर्तन…

सोन चिरैया गौरैया – सुरेश कुमार गौरव

वर्तमान में पक्षी जगत की गौरैया अब विलुप्ति के कगार पर है। कहां चली गई कभी मेरे घर की मुंडेर की कोमल गौरैया, बचपन में कहते थे इसे छोटी ,प्यारी…

हमारी जिम्मेवारी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद कल जिसे विदा किया, वह साल बीत गया, गुजरा जमाना अब- नमन पुराने को। छोड़ के पुरानी बातें, मिलकर काम करें, वक्त फिर आया गिले- शिकवे भुलाने…