सृष्टि रानी-प्रकाश प्रभात

सृष्टि रानी सृष्टि रानी बहुत छोटी है,  पढ़ने को स्कूल जाती है। सृष्टि रानी बड़ी सयानी,  बच्ची कम लगती है नानी। बिना नाम लिखाए भी,  होमवर्क तैयार करती है। तनिक…

संकल्प-प्रियंका कुमारी

संकल्प आज विद्यालय, मन में संकल्प लेकर जाएँगे मिलकर सभी शिक्षा को पूरी तरह से फैलाएँगे आशा की इस दीपक को मिलकर सभी जलाएँगे हर कोने-कोने में शिक्षा की नई…

मन की अभिलाषा-नरेश कुमार निराला

मन की अभिलाषा हिन्दुस्तान का कलमकार हूँ लिखने की जिज्ञासा है, भारत फिर से बने विश्व गुरू मन में यह अभिलाषा है। पूरब-पश्चिम उत्तर-दक्षिण चारों ओर खुशहाली हो, बाग-बगीचा वन-उपवन…

प्रकृति-मधु कुमारी

प्रकृति प्रकृति ने सजाया अद्भुत मेला लगे धरती भी जिससे अलबेला दिखे अम्बर कभी लाल, नीला तो कभी पीला। अजब गजब हैं करतब रचाते जादूगर हो जैसे खेल दिखाते सूरज,…

रिश्तों का मेला-मनु कुमारी

रिश्तों का मेला सबसे सुंदर, सबसे मनहर, होता यह रिश्तों का मेला, मिल-जुलकर सब हँसते-गाते, प्यार बाँटते जश्न मनाते, कोई न रहता यहाँ अकेला। रिश्तों का यह अनुपम मेला… समाज…

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