रामधारी सिंह दिनकर – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

माँ सरस्वती के चरणों में, झुककर मैं वन्दन करूँ। मेरी लेखनी को शक्ति दो माँ, तुमसे यही अर्चन करूँ। राष्ट्रवादी कवि दिनकर जी का, मैं चरित्र चित्रण करूँ। कुछ भी…

चहक -अशोक कुमार

चहक उठे सब बच्चे, जैसे चिड़िया चहकती। नित्य विद्यालय जाना, जैसे मन मचलता।। खेल खेल में शिक्षा, हमें आनंदित करे। विद्यालय जाने के लिए, हमें प्रेरित करे।। भयमुक्त वातावरण में,…

शिक्षक दिवस -हर्ष नारायण दास

   शिक्षक दिवस शिक्षक नहीं है सामान्य व्यक्ति, वह तो शिल्पकार होता है। गीली मिट्टी को सँवारने वाला कुम्भकार होता है।। उसने ही श्रीराम गढ़े हैं, वह ही श्रीकृष्ण निर्माता।…

युद्ध नहीं, चाहिए शांतिमार्ग-सुरेश कुमार गौरव

युद्ध नहीं, चाहिए शांतिमार्ग युद्ध विनाश का सदा से रहा है परिचायक, प्रतिफल मिल हिंसा का मार्ग है दुखदायक। भले ही श्री कृष्ण ने युद्ध में साथ दिया हो, गीता…

कर दे तू उपकार प्रकृति के साथ-सुरेश कुमार गौरव

कर दे तू उपकार प्रकृति के साथ”(कविता) ✍️सुरेश कुमार गौरव प्रकृति का अनोखा और अनुपम है ये उपहार, पेड़-पौधे,नदी, मैदान, वन-जंगल और पठार। फिर सूर्यताप, मिट्टी, हवा,जलश्रोत देती उर्वरा, तब…

चिराग बन चलता चल

चिराग बन चलता चल जिंदगी की राह में, कदम मिला के चलता चल। गम मिले कि मिले खुशी, तू मुस्कुरा के बढ़ता चल। यह न सोच कि क्या मिला, जो…

समाधान-कुमकुम कुमारी

समाधान   माना कि बहुत है मुश्किलें, मत कर तू बखान। कर सको तो कर लो, इन मुश्किलों को आसान। कमियों को गिनाना, होता बहुत आसान। ढूंढ सको तो ढूंढो,…

मैं हूँ नारी- मधु कुमारी

मैं हूँ नारी ——— मैं हूँ नारी एक धधकती सी चिंगारी प्रगति पथ की हूँ अधिकारी सृष्टि की सुंदर कृति हमारी मैं जग जननी,मैं पालनहारी मैं हूँ नारी हमने अपनी…

नारी तूँ नारायणी – नीतू रानी

नारी तूँ नारायणी नारी तूँ नारायणी तुम हो शिव की अर्द्धांगिनी, तुम्हीं हो कृष्ण की राधा रानी तुम्हीं हो घर की महारानी, तुम हो सबका दुःख हारिनी तुम्हीं हो साक्षात…

संक्रांति का पैगाम-विवेक कुमार

संक्रांति का पैगाम होशियार खबरदार……….. आ गया मकर संक्रांति का त्योहार, सभी पर्वों से अलग, अनूठा, अनोखा, दिलाता एक सुंदर एहसास, तिल संक्रांति, खिचड़ी पर्व नाम से, यह है जाना…