मैं हिंदी-अपराजिता कुमारी

मैं हिंदी मैं हिंदी मैं भारत की मातृभाषा मैं जन्मी देव भाषा संस्कृत से मेरी लिपि देवनागरी 14 सितंबर 1949 को बनी भारत की वैज्ञानिक एवं सामर्थ्यवान भाषा। मैं भारत…

मोबाइल-नूतन कुमारी

  मोबाइल आज विश्व में जाल बिछा है, हरेक क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, हर बच्चा इसके जरिए ही, अपने स्कूल से जुड़ा हुआ है। आज की शिक्षा इसपर निर्भर,…

कारागृह की वेदना-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

  कारागृह की वेदना करुण” क्रंदन से “कारागृह”     कांप उठा वह कक्ष-निरीह, “काल” ने कैसा खेल रचा      कोठरी में था हाहाकार मचा।    मौन “कोठरी” सब…

प्रेमचंद साहित्य-सुधीर कुमार

प्रेमचंद साहित्य प्रेमचंद की कथा यात्रा, लाई साहित्य में नव बसंत। सोजे वतन से शुरू होकर, मंगलसूत्र पर हुई है अंत। उपन्यास है इनके सेवासदन, प्रतिज्ञा, वरदान, गबन, रंगभूमि। कायाकल्प,…

प्रतीक्षा-नूतन कुमारी

प्रतीक्षा व्याकुल हृदय में व्यथा भरी, मन मायूसी से घिरा हुआ, मेरे हरि ! मेरे अंतरयामी ! प्रतीक्षा का अंत कर दो ज़रा। कभी घोर तमस हो जीवन में, नहीं…

आलू की शादी-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

आलू की शादी आलू राजा लेकर चले बारात, साथ सभी सब्जी की जमात। गोल मटोल हैं दुल्हा राजा, संग में गाड़ी और बैंड बाजा। भिंडी, करेला, कोहड़ा नाचे, बैंगन पंडित…

दोहावली-देव कांत मिश्र

दोहावली हे माता जगदम्बिके, तू जग तारणहार। अनुपम दिव्य प्रताप से, संकट मिटे हजार।। बढ़ना है जीवन अगर, चलिए मिलकर साथ। सारी दुनिया आपको, लेगी हाथों-हाथ।। बेटा है कुल दीप…