कुंडलिया – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

आया सावन झूमकर, हर्षित हुए किसान। ‌हरी-भरी यह भूमि हो, यही हमारी आन।। यही हमारी आन, सदा गुण ऊर्जा भरिए। रिमझिम सौम्य फुहार, प्रीति-सा जीवन करिए।। मधुरिम भावन गीत, मुदित…

भोले भंडारी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि

मनहरण घनाक्षरी छंद गंगाजल जिन्हें भाता, भूत-प्रेत से है नाता, बेलपत्र पर रीझें, भोले जी भंडारी हैं। इन्द्र चढ़ें एरावत, गरूड़ जी हैं विष्णु भक्त, बसहा वरद भाई, शिव की…

शिवे संग हम गौरी बियाहब-नीतू रानी

नमन मंच 🙏🙏 विषय- शिवरात्रि शीर्षक-शिवे संग हम गौरी बियाहब। शिवे संग हम गौरी बियाहब नै तेअ कुमारी ये रहब ना। तेंतीस करोड़ देवता में शिव वर ढ़ँढलौं शिव सन…

श्रीहरि- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

श्रीराम मेरे भगवान मेरे, नित-नित मैं जपूँ बस नाम तेरे। काशी में रहूँ या रहूँ मैं कहीं, प्रभु आप रहें स्मरण में मेरे।। असुरों ने जब अत्याचार किया, धर्म-कर्म को…

सरस्वती वन्दना- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

दे विमल बुद्धि भावना, माँ शारदे है प्रार्थना , ऐसी शक्ति दे मां कर सकूं, हर संकटों का सामना। बालक बड़ा नादान हूं, धर्म-कर्म से अनजान हूं, जैसा भी हूं…

माता वीणापाणि- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

छोड़कर घर-द्वार,कर सबसे किनार, पढ़ने आए हम माँ,तप पूर्ण कीजिए। देकर ज्ञान का दान,माँ करो मेरा कल्याण, बन जाऊँ विद्यावान, शरण में लीजिए। जय माँ वरदायिनी, जय ज्ञान प्रकाशिनी, सफल…