परीक्षा परिणाम- दीपा वर्मा

आया परिणाम बच्चों का, उत्साह देखते बनता है। कुछ बच्चे हैं डरे-डरे, जाने क्या मेरा होना है। नए वर्ग मे जाना है,नयी किताबें, नयी कापियां, नया बैग ,सजाना है। परीक्षा…

नारी- दीपा वर्मा

नारी बेचारी,पापा की प्यारी, भैया की दुलारी। मायके की लाज बचाती, ससुराल की आन निभाती। काम के बोझ की मारी, थकी-हारी ,नारी बेचारी। सबके लिए बनी नारी, उसकी नहीं होती,…

मानव – दीपा वर्मा

मानव अपने दंभ मे ..किमी की सुनता नहीं. मैं सबसे उत्तम बस यही, वह जानता है। कोई हमसे भी श्रेष्ठ हो सकता है,वह कभी मानता नहीं। अपने इस गुमान मे,…

होली -दीपा वर्मा

आया होली का त्योहार, फिर एक बार लाया रंगो की बौछार। नहीं अपने परायो की दरकार, आज है बस हमे रंगो से सरोकार। नाचेंगे-गाएंगे धूम मचाएंगे,पूए पकवान खाएंगे, खूब गुलाल…

पढ़ाई -दीपा वर्मा

दुहाई है दुहाई हाय ये पढ़ाई । कभी नन को नही भाए यह जालिम पढ़ाई । मम्मी कहती..पापा कहते दादी कहती..दादा कहते समी कहते, पढो पढ़ो। खेलकूद हो गया मुश्किल…

दोस्ती – दीपा वर्मा

दोस्ती कोई स्वार्थ नही , एक विश्वास होती है..। एहसास से बना एक रिश्ता , जो बहुत खास होती है। लाखो मे कुछ खुशनसीब होते है, जिनहे सच्ची दोस्ती नसीब…

बालदिवस -दीपा वर्मा

चाचा नेहरू का जन्मदिन आया, संग अपने बालदिवस लाया। चाचा को था बच्चों से प्यार, खूब बांटते थे प्यार-दुलार। पंडित जवाहरलाल से चाचा नेहरू कहलाए। बड़े-बच्चे सबके मन भाए। पहले…