बिहार की गौरवगाथा-कुमकुम कुमारी

बिहार की गौरवगाथा गुणगान करूँ, सम्मान करूँ नित-नित झुक मैं प्रणाम करूँ। बिहार की गौरवशाली गाथा का, सुनो, आज मैं बखान करूँ। गुणगान करूँ………………. पतित पावनी गंगा ने यहाँ, निर्मल…