मुख में राम बगल में छुरी, लानत ऐसी यारी को । अब भारतीय नहीं सहेंगे, दुश्मन की गद्दारी को ।। मानवता से मेल नहीं है, शत्रु के क्रूर विचार में।…
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पुस्तकें – रत्ना प्रिया
जीवन की आधार पुस्तकें, ज्ञान की भंडार पुस्तकें, “तमसो मा ज्योतिर्गमय” की, भरती है संस्कार पुस्तकें । जग को राह दिखानेवाली, ध्येय पथ ले जानेवाली, दुःख-संकट में पड़े मनुज की,…
वीर कुँवर सिंह – रत्ना प्रिया
वीर कुँवर, तुम मगध भूमि के, भारती के लाल थे, अंग्रेजों को मार भगाने, संहारक व काल थे। अस्सी वर्ष की तरुणाई ने, शत्रु का प्रतिकार किया, गुरिल्ला युद्ध में…
हरियाली विकसाएँ हम- रत्ना प्रिया
सूरज के प्रचण्ड ताप से , अब नहीं कुम्हलाएँ हम । आओ करें श्रृंगार धरा का, हरियाली विकसाएँ हम ॥ पंचभूतों की प्रकृति में, नित्य विष हम घोल रहे, अपने…
समत्व योग उच्यते – रत्ना प्रिया
सद्ज्ञान के प्रकाश को, चहुँदिश फैलाएँ हम । ‘ समत्व योग उच्यते ’ की भावना विकसाएँ हम ॥ वह देश बनता महान , जहाँ सहज अनुशासन है, योग से सुदृढ़…
माँ – रत्ना प्रिया
माँ माँ, पास बैठो न, ममता भरी गोद में, वात्सल्य की मोद में , सुख-शांति का अनुभव करने दो न । माँ, बड़ी भूख लगी है, अपने पास बिठाओ न,…
शिक्षा के दीप- रत्ना प्रिया
पंचतत्व से निर्मित दिए में , स्नेह- घृत व बाती डालें। हम सब शिक्षक आगे बढ़कर ,नव-शिक्षा के दीप जला लें ।। घना अँधेरा दूर खड़ा हो ,उजाले को वापस…
शिवजी करते हैं कल्याण – रत्ना प्रिया
शीघ्र प्रसन्न हो, भक्तों को जो देते हैं वरदान | शिवजी करते हैं कल्याण, शिवजी करते हैं कल्याण || फूल, पत्र व दूध गंगाजल सहज है शिव को भाते ,…
देशभक्ति के रंग – रत्ना प्रिया
सेऩाओं की गौरव – गाथा, सबको याद जुबानी हो, देशभक्ति के रंग – रॅगा अब, हर इक हिंदुस्तानी हो | हम इस धरती के प्रहरी, भारत मां का सम्मान करें,…
रघुवर के बाल -रूप – रत्ना प्रिया
सौम्य ,शांत रघुवर के, बाल – रूप अनूप हैं | स्नेहसिक्त आचरण में जगन्नाथ स्वरूप हैं || अयोध्या की पुण्यभूमि में, सूर्यवंशी कुल में, खेलें हैं राम पावन, अवध की…