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ऑनलाइन एप-आंचल शरण

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ऑनलाइन एप

व्हाट्सएप हो या हो फेसबुक

बच्चो से ये तो दूर कराते बुक!

समय बीतता इन सारे पर

अभिभावक को भी रास आता खूब!!

एक परिवार में २-४ व्यक्ति

सब जाते इसमें हरदम डूब!

पता नहीं बच्चे क्या कर रहे

सबको, पढ़ाई से दूर कर रहे!

है आभासी दुनिया, कोई नहीं अपना

न देखा किसी को, न जाना पहचाना!

कोई रूप रंग देखा तो कोई हाव भाव

रिक्वेस्ट स्वीकारा, न लाइक का अभाव!

बनाओ दोस्त उसे, जिसे अच्छे से पहचानो

नहीं तो “दिल्ली सीक्रेट चैट” दुहराओ !!

अगर करनी हो पढ़ाई ऑनलाइन

जुड़े शिक्षक उससे जो हो फाइन।

TOB है प्लेटफार्म अच्छा

बच्चों को खूब ही भाता!

सब जुड़ पढ़ रहे यहां पर

गलत होने से बचे जहां पर!

बनना कलेक्टर, डॉक्टर, पुलिस ऑफिसर

जुड़े TOB से, अच्छे नागरिक हो घर-घर!

आंचल शरण

 बायसी पूर्णिया

बिहार 

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