वन हैं धरती की पहचान – सुरेश कुमार गौरव

वन हैं जीवन की पहचान, इनसे धरती रहे महान। शुद्ध हवा औ’ निर्मल पानी, इनसे हरियाली मुस्कानी।। पंछी गाते मीठे स्वर गान, वन देते सबको वरदान। फल-फूलों की यह सौगात,…

विश्व विरासत दिवस – राम किशोर पाठक

मनहरण घनाक्षरी सभ्यता का इतिहास, मिले जानकारी खास, करे विश्व एहसास, धरोहर पाइए। अठारह अप्रैल को, संस्कृति संरक्षण को, भूतल उत्खनन को, विचार बनाइए। सांस्कृतिक विरासत, प्राकृतिक स्थल रत, ज्ञान…

बिहार: संस्कृति का समृद्ध सार – सुरेश कुमार गौरव

राजगृह की पावन वादियाँ, ऋषियों की तपभूमि, गृद्धकूट की चोटी बोले, बुद्ध की अमिट प्रतीति। सप्तधाराएँ बहती जातीं, गूंजे जहां ज्ञान-विचार, हे मगध! तू गौरव-गाथा, तू भारत का उद्गार। बोधगया…

शिक्षक हूॅं बिहार का – राम किशोर पाठक

शिक्षक हूॅं बिहार का, ज्ञान के विस्तार का। बच्चों का भविष्य मैं, मार्ग हूॅं संसार का।। अलख जगाता रहता, सबमें सदाचार का। बच्चों में विचार का, कक्षा नवाचार का।। प्रतीक…

प्रेम की शक्ति – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

आओ मिल हम गायें सब गीत, है प्रेम की रीत सुहावनी भाई। प्रेम की शक्ति अपार सुनो, इस शक्ति से पार न दूजो है पाई।। ढाई है आखर प्रेम सुनो,…

समरसता हो सदा सभी में – मनु कुमारी

समरसता हो सदा सभी में, शास्त्र यही बतलाता है। शांति और सद्भाव बनाकर,मानव बस यह पाता है।। मीठी बोली कड़वेपन का,भाव सभी हर लेता है। रोती अंखियों में ना जानें,…

मोबाईल की लत – नीतू रानी

मोबाईल की लत, लोग रहते मोबाईल में व्यस्त। मोबाईल की लत, बड़ा जबरदस्त। जबसे लिया मोबाईल, लाया नया स्माइल। मोबाईल आया हाथ, छूट गया सबका साथ। मोबाईल का हुआ अवतार,…