आओ बात करें उन दिनों की
सुनो रे मुनिया, सुनो री चुनिया
मत सोचो छोड़ो घबराना, शरमाना
हिचक – झिझक सब छोड़ खुलकर
” माहवारी पर “
करेंगे बात, पास मेरे आ जाना
फिर बोली मुनिया
माहवारी के कुछ दिन
क्यों होते हैं रक्तस्राव
ये है कोई बीमारी या
है ये कोई अभिशाप
माहवारी के दिन नही भारी
स्वच्छता है बहुत जरूरी
मान डॉक्टर की बात
नही होती है ये कोई बीमारी
रखना सदा तुम इतना यह ध्यान
साफ – सफाई – स्वच्छता – स्नान
समय – समय पर नैपकिन बदलना
गन्दगी और बीमारी को दूर भगाना
अंधविश्वासों में न तुम पड़ना
भ्रम से सदा बचकर रहना
अपना ध्यान सदा तुम रखना
औरों की बातों में न आना
उस पीड़ा को हरगिज न सहना
न छुपना और न हीं छुपाना
बात अपने मन की
खुलकर बताना और
सबसे अहम और जरूरी
स्वच्छता का सदैव रखना ध्यान ।
मधु कुमारी
कटिहार ।
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madhukumari