देश की आजादी को अगर
अक्षुण्ण बनाए रखना है।
तो सोच-समझ व जाँच-परखकर
नेता को हमें चुनना है।।
अपनी पिछली पीढियों के
त्यागों का मान यदि रखना है।
तो उठो देश के मतदाताओं
मतदान हमें करना है।।
एक-एक मत महत रखता
इस दृष्टिकोण को बनाना है।
जनतंत्र के महापर्व में
जिम्मेवारी को निभाना है।।
शासन का यह तंत्र उत्तम
लोकतंत्र को बचाना है।
योग्य नेताओं का चयन कर
शासक उन्हें बनाना है।।
हम खास हैं राष्ट्र के खातिर
इस विश्वास को जगाना है।
सोए हुए मतदाताओं को
जागरूक हमें बनाना है।।
प्रथम बार जो मतदान करेंगे
उनको राह दिखाना है।
स्वार्थसिद्धि से ऊपर उठकर
देश को समृद्ध बनाना है।।
सबकुछ पाते हम देश से
देश के खातिर कुछ करना है।
आया मतदान का शुभ दिन
मतदान निःसंदेह करना है।।
कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
मध्य विद्यालय बाँक, जमालपुर
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