मात्रा — १०
यति — ५,५
अंत — दीर्घ
२१२ , २१२
मौत से , जो डरे ।
आज ही , वो मरे ।।
छोड़ दे , डर सभी ।
धैर्य तू , धर अभी ।।
जी यहाँ , नेम से ।
चैन से , प्रेम से ।।
ईश है , साथ में ।
वक्त है , हाथ में ।।
जीत ले , काल को ।
काट हर , जाल को ।।
पर्वतों , पर चढ़ो ।
थाम लो , कर बढ़ो ।।
लक्ष्य है , वह वहाँ ।
पा उसे , रह यहाँ ।।
जीत का , हार ले ।
मीत का , प्यार ले ।।
सुधीर कुमार , मध्य विद्यालय , शीशागाछी
प्रखंड टेढ़ागाछ जिला किशनगंज बिहार
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