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ऑपरेशन सिंदूर -मनु कुमारी

Manu Raman Chetna

(कविता)

भारत माता ने दिया, सबको प्यार दुलार।
लेकिन शत्रु ने किया, घात यहाँ हरबार।।
जाति धर्म को पूछकर, किया पीठ पर वार।
करेंगे उसका सर कलम, कर लेकर तलवार।।
पत्नी के हीं सामने किया जो पति पर वार।
इस जघन्य अपराध का लेंगे हम प्रतिकार।।
निर्दोषों के खून का, बदला होगा खून।
अरे हैवानों चुन- चुनकर देंगे तुमको भून।।
शेर को तू ललकारा जो, उठा है शेर दहाड़।
उसके मुख में जाने को, हो जा अब तैयार।।
सिंदूर नारी का आन है, सिंदूर नारी का प्राण।
बदले में सिंदूर का, लेंगे हम तेरी जान।।
क्रोधित चूड़ी, बिंदी है, पायल की झंकार।
तेरे सिर को काटकर, पहनेगी वह हार।।
सोफिया, व्योमिका ने धरी चंडी का है रूप।
याद करो लक्ष्मीबाई का वह प्रचण्ड स्वरूप।।
तेरे हर अपराध का, दंड देंगे भरपूर।
भारत का सम्मान है, ऑप्रेशन सिंदूर।।

स्वरचित एवं मौलिक
मनु कुमारी,विशिष्ट शिक्षिका, मध्य विद्यालय सुरीगाँव, बायसी पूर्णियाँ ।

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