गिनती
गिनती किसको आती है?
भूल गुड़िया क्यों जाती है?
आओ गिनती गिनना सीखें,
मन को क्यों भरमाती है?
रोहित आजा पास हमारे,
खड़े तू रहना अभी किनारे।
रोहित खड़ा अकेला बच्चा,
गिनती हो गई एक।
एक एक एक!
अब आ जाओ मोनू प्यारे,
खड़े हो जाओ उसी किनारे।
बोलो कितने बच्चे दिखते,
रोहित मोनू मिलकर दो।
दो दो दो!
श्याम दुलारे आ जा प्यारे,
खड़े हो जाओ उसी किनारे।
गिनके तो बतलाना कितने,
बच्चे खड़े हुए किनारे ।
तीन तीन तीन!
अच्छा किसको कहो बुलाऊँ,
शाकिब को अब यहाँ मैं लाऊँ।
ये सब मिलकर कितने हो गए,
गिनकर देखो कितने हैं ये।
चार चार चार!
अच्छा..!
एक बार फिर से गिन लेना,
रोहित शाकिब मोनू श्याम ।
चार चार चार!
शाबाश!
कौन आएगा बोलो प्यारे,
सुरजीत आज पास हमारे।
पंक्ति में जा लग जाना तुम,
गिनकर जरा बता देना तुम।
पांच पांच पांच!
अच्छा पांच बच्चे..
बिलकुल ठीक..
अच्छा बताओ सूरज कितना,
एक एक एक!
आँखे कितनी हुईं तुम्हारी।
दो दो दो!
तिपहिए मे कितने पहिये,
तीन तीन तीन!
गाय के कितने पैर हैं प्यारे ।
चार चार चार !
एक हाथ मे अंगुली कितनी ,
पाँच पांँच पाँच!
बहुत बढ़िया..
राम आगे बढ़कर आना,
अब गिनती करके समझाना।
अब कितने बच्चे हैं आगे ,
छह छह छह..!
आगे फिर से अमर को लाओ,
साथ खड़े हो सब समझाओ।
गिनती करके मुझे बताओ,
कितने हो गए तुम बतलाओ।
सात सात सात!
अच्छा…
तो अब साथ कबीर को लाओ ,
खड़े हो जाओ गिन बतलाओ ।
कितने खड़े हो हमें बताओ,
आठ आठ आठ!
जरा यहाँ शबनम भी आओ ,
आकर बगल खड़ी हो जाओ ।
गिनती गिन सबको बतलाओ ,
कितने तुमसब यहाँ सुनाओ ।
नौ नौ नौ !
बहुत सुंदर….
अब रेखा को पास बुलाओ,
रेखा खड़ी शबनम संग जाओ।
रेखा गिनो तो कितने हैं सब,
खड़े हैं जो ये पास तुम्हारे ।
दस दस दस!
अच्छा…
दस कि गिनती फिर दुहराओ।
डॉ स्नेहलता द्विवेदी आर्या
उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय शरीफगंज, कटिहार

