आज आएंगे अवधपुरी राम, चलो हम दर्शन करें,
अलौकिक सजी है अयोध्या धाम, चलो हम दर्शन करें।।
ले हाथों में पान-सुपारी,
पंक्तिबद्ध खड़े नर नारी,
बिना देखे ना करेंगे विश्राम, चलो हम दर्शन करें।।
कोई प्रभू की चरण पखारें,
कोई उनकी आरती उतारें,
कोई नाचे कह जय श्री राम, चलो हम दर्शन करें।।
ढोल नगाड़े मृदंग बजते हैं,
सभी मग्न हो नाम भजते हैं,
कोई साष्टांग करें प्रणाम, चलो हम दर्शन करें।
दांए भाग में लक्ष्मण खड़े हैं,
चरण रज हेतु हनुमंत अड़े हैं,
मां सीता खड़ी हैं वाम, चलो हम दर्शन करें।।
गिद्ध, कबंध, शबरी को तारे,
चरणों की रज दे अहिल्या उबारे,
बंधन कट जाता लेते ही नाम, चलो हम दर्शन करें।
आज आएंगे अवधपुरी राम, चलो हम दर्शन करें।।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
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