नारी शक्ति है शक्ति की भरमार है
नारी शक्ति है शक्ति की भरमार है
नारी तो रुपों की खूद अवतार है
नारी को जहां समझती है अबला
जिसने संभाली सृष्टि की रफ्तार है
एक वंश को सृजित करने के लिए
झेला उसने हमारी अनेकों मार है
हर बाधाओं को काटकर वह फिर
नए संघर्षों के लिए सदैव तैयार है
नारी से ही बना हमारा आज,कल
इस जगत की अदम्य सार है नारी
मुसीबतों का करे सामना डटकर
ऐसी एकलौती अभेध ढाल है नारी
कभी दूर्गा कभी काली कभी तू मां,बहनें
बनकर शक्ति तू इस जग में आई है नारी
सदा ही तेरा रूप अलग है एक दूजे से
इस जगत में कितने रूप लाई है नारी
एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
उत्क्रमित मध्य विद्यालय
छोटका कटरा
मोहनियां कैमूर बिहार
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