हे ननदों आय छीयै भाई दूज त्योहार हे
आबै हेथिन भैया हमार हे ना।
निपलौं गोबर सेअ अंगना घर
अरबाज चौर पीसी बनेलौं ऐरपन,
हे ननदो ताहि पर देलौं सिन्दूरक के ठोप हे
आबै हेथिन भैया मोर हे ना,
हे ———————-२।
भरलौं पान सुपारी सेअ थारी
कलश पर राखलौं आमक डाली ,
हे ननदो टीका लेएअ राखलौं दही , सिंदूर लाल हे
सुन्दर सेएअ भरलौं थाल हे ना
हे ननदो—–२।
जाय छीयै खाना बनेबै टेस्टदार
औजका मुख्य खाना छीयै बड़ी भात,
हे ननदो भैया के खुवेबै छप्पनक परकार हे,
आबैत हेथिन भैया हमार हे ना,
हे ननदो————-२।
करब हम सोलहो श्रृॅ॑गार
पिन्हब हम साड़ी, चूड़ी लाल,
हे ननदो पाएर में पिन्हब पायल झमकदार हे
सीथ में सिंदूर लाल हे ना
हे ननदो————-२।
तैयार भाएअ ताकै छी भैया के बाट
दौड़-दौड़ जायछी सड़कक पास,
हे ननदो आबि गेलखिन भैया हमार हे
चढि केएअ मोटरकार हे ना ,
हे ननदो————-२।
ऐरपन पर बैसलनि भैया मोर
पान सुपारी सेअ भरलौं भैया के कोब ,
हे ननदो मंत्र पैढ़ केएअ
लेलौं भैया सेएअ नोत हे
माथा में लगेलौं चंदनक ठोप हे ना।
” मंत्र ”
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गंगा नोतै येअ यमुना केएअ
हम नोतै छी सहोदर भाय केएअ ,
जबतक गंगाजी में धार बहेएअ
तबतक हमर भाय केएअ औरदा बढ़ैएअ,
हे ननदो————२।
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नीतू रानी” निवेदिता”
पूर्णियाॅ॑ बिहार।