शीर्षक: कभी रथ खींचिए
मंदिर की ओर चलें,
मिलेगी जीने की राह,
जय बोलो जगन्नाथ,
नमन तो कीजिए।
हजारों हैं तेरे नाम,
अद्भुत हैं तेरे काम,
उषाकाल नाम जपें,
आशीष तो लीजिए।
हृद में बसे हैं आप,
अब दूरी नहीं नाप,
जग है शरणागत,
प्रेम वश सींचिए।
दिव्य शुभ रथ यात्रा,
भक्ति में शक्ति की मात्रा,
धुल जाएँ सारे पाप,
कभी रथ खींचिए।
एस.के.पूनम
प्रा. वि. बेलदारी टोला
फुलवारीशरीफ,पटना
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