मनहरण घनाक्षरी
कभी देश प्रेम पर,
हो गए न्योछावर जो,
भारत माता के लाल,
सभी कहलाते हैं।
जब तक देश रहे,
जय जय वीर कहे,
मातृभूमि सदा आगे,
शीश नवाते हैं।
भारत वासी शान से,
अपने राष्ट्र गान से,
मिल जुल कर सभी,
झंडा फहराते हैं।
“रवि’ कहे सुन भाई,
देश भक्ति गीत गाई,
मीठा मुंह कर सभी,
खुशियां मनाते हैं।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,
पटना
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