Site icon पद्यपंकज

शिक्षक की गरिमा…अमरनाथ त्रिवेदी

 

शिक्षक  की  गरिमा है अपनी ,
सबके अपने अपने  संस्कार हैं  ।
अपनी अपनी विद्वता है उनकी ,
यही  देते  अनुपम  उपहार   हैं  ।

शिक्षक के बिना   ज्ञान  न  होता ,
शिक्षक ही बच्चों के  कुम्भकार हैं ।
शिक्षक की गरिमा संपूर्ण विश्व में ,
यही  सर्वोत्तम ज्ञानों के भंडार हैं ।

शिक्षक   ही  ऐसे  होते जो ,
माता पिता  से भी महान हैं ।
जिन्हें  शिक्षक अच्छे हैं  मिलते ,
सच में  वे  बड़े भाग्यवान हैं ।

माटी   से   सोना  बनाना ,
उनके ही  कर की  बात है ।
शिक्षक का  जो आदर करता ,
नहीं होता उसका  कोई घात है ।

शिक्षक का बड़ा दायित्व है ,
बच्चों  में नित   ज्ञान भरना ।
जो छात्र  बढ़ रहे नित आगे ,
उन्हें  सहज   संज्ञान करना ।

शिक्षक ही  हैं  ज्ञान  के   सागर ,
वे ही शिक्षा का अलख जगाते हैं।
ज्ञान विज्ञान की तमाम रश्मियों को ,
वे   ही   छात्रों   के  पास   बुलाते हैं  ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा जिला मुजफ्फरपुर

1 Likes
Spread the love
Exit mobile version