Site icon पद्यपंकज

संस्कृत वह शिक्षण की भाषा – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

संस्कृत वह शिक्षण की भाषा

संस्कृत इतनी सरल , सहज भाषा ,
उच्चारण मात्र से  देव समक्ष हम पाते हैं ।
खुशियाँ मिलती हैं भर भर कर ,
शोले , अँगारे भी पानी पानी  हो जाते हैं  ।।

संस्कृत से ही संस्कृति बनती ,
यह सुभग  संस्कार दे जाती है ।
संस्कृत वह शिक्षण की भाषा ,
सभी की शिरोमणि कहलाती  है ।।

इस भाषा में  देव , पितरों का पूजन ,
देव भाषा में संस्कृति भी पलती है  ।
सब  भाषा   की  जननी    यह ,
यह देवों के मुख से भी निकलती है ।।

है यह भाषा आन बान की ,
जिसमें गीता , पुराण के श्लोक लिखे ।
हर भाषा से यह सर्वोपरि ,
जिसमें वेदों के भी श्लोक दिखे ।।

यह भाषा सहज , सरल, मीठी ,
जुबानों को भी लगती प्यारी है ।
इसमें आगे का पीछे शब्द लिखें ,
कभी अर्थ न बदलता न्यारी है ।।

युग आधुनिक   या  पौराणिक    हो ,
सभी  युग में संस्कृत  का अध्ययन जरूरी ।
यह  मानवता  और   संस्कृति का उद्घोषक ,
आती है सभ्यता इसमें पूरी ।।

हो   जीवन में लक्ष्य सभी  के ,
संस्कृत  का अध्ययन आवश्यक है ।
हो यदि जीवन को सभ्य , शील बनाना ,
संस्कृत  में अध्यापन परमावश्यक है ।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

1 Likes
Spread the love
Exit mobile version