Site icon पद्यपंकज

सरस्वती वंदना – मो.मंजूर आलम

Nawab

स्तुति मां वागीश्वरी
स्तुति मां सरस्वती
ज्ञान की देवी तू
जहान की देवी तू
वंदन करूं तेरी, हे शारदे!
जीवन मेरा तू संवार दे।
महिमा तेरी कण कण है जानता,
हृदय से मां तुझे मैं मानता
कृपा करो हंसवाहिनी
दया दिखाओ ज्ञानदायिनी
ज्ञान बिन सब अधूरा
बिना इसके न जीवन पूरा
भर दे मुझमें ज्ञान की ज्योति
बना दें मुझे भी वाल्मीकि
हर ले अज्ञानता, देकर ज्ञान-
आशीष पा तेरी, दुनिया के आऊं काम ,
ऋण चुकाऊं तेरी,जग में हो मेरा नाम।
दीजिए आशीष,
चरणों में रहे सदा यह शीष।
हे हंसवाहिनी , मां वागीश्वरी
ज्ञान और विज्ञान देवी
स्तुति करे मंजूर तेरी!
अब ताड़ दे,
तिमिर सा है जीवन, इसे संवार दे।
वीणापाणि क्षमा करें सबकी नादानी,
हम भारतीयों को बना दें ज्ञानी।
हे शारदे, हे भारती ….
सदा उतारें हम-सब तेरी आरती।
जय मां सरस्वती जय मां सरस्वती।
©✍️मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
प्रधानाध्यापक, उमवि भलुआ शंकरडीह,
तरैया ( सारण ) बिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version