आज दिनांक-22/05/2024 को 20वीं सदी के महान संत महर्षि मेॅ॑हीॅ॑ परमहंसजी महाराज की 140 वीँ जयंती समारोह है ,हम सपरिवार गुरु देव के जन्म दिवस पर गुरु देव को शत्-शत् नमन करते हैं।
धन्य गाॅ॑व सिकलीगढ़ धरहरा से
धन्य हमर पूर्णियाॅ॑ जिला रे,
ललना रे धन्य पिता बबूजन माता जनकवती
जिनकर घर संत मेॅ॑हीॅ॑ जन्म लेल रे।
वर्ष १८८५ से दिन मंगलवार रहै रे
ललना रे खोखशी श्याम नाना जी के घर से ओतैही जनम लेलखिन्ह
रे।
हिनकर घर के नाम रामानुग्रह लाल दास
दादाजी के राखल नाम मेॅ॑हीॅ॑ दास रे
ललना रे मेॅ॑हीॅ॑ दास नाम सेए भेलखिन्ह प्रसिद्ध से
जग के कल्याण केलखिन्ह रे।
जखैन लेलखिन्ह जन्म से
माथा में सात जटा रे
ललना रे कतबो जटा छोराबती मैया जनकवती
तैइयो नहीं छूटत रे।
जब वो भेलखिन्ह चाएर सालक
माता स्वर्ग सिधाएर गेलखिन्ह रे
ललना रे इकलौती बहिन झूलन दाई से
हिनकर लालन -पालन केलखिन्ह रे।
बच्चे से पढै में विलक्षण
माता-पिता के आज्ञाकारी रे,
ललना रे मिललैन हुनका सबके आशीर्वाद से
कुलके नाम रौशन केलखिन्ह रे।
पूर्णियाॅ॑ प्रमंडल के जिला स्कूल से
मैट्रिक परीक्षा देलखिन्ह रे
ललना रे परीक्षे में मन में उठलैन वैराग्य से
घर नै जायके सन्यासी बैन गेलखिन्ह रे।
बहुत चललखिन्ह पैदल से
साथ में नै टाका पैसा रे
ललना रे नाविक मांगलक हिनका सेए पैसा से
देलखिन्ह आपन सब वस्त्र खोइलके रे।
बहुत खोजलखिन्ह गुरु से
मन नहीं जचलैन रे,
ललना रे कियो नै बताबै मनके बात से
कोना हुनका बनेथिन्ह गुरु रे ।
लेलखिन्ह बहुत गुरु सेए ज्ञान से
तोइयो नै संतुष्ट भेलखिन्ह रे
ललना रे मिललैन पहुॅ॑चल संत बाबा देवी साहब
जिनका से दीक्षा लेलखिन्ह रे
भेलखिन्ह परम संतुष्ट से बैन गेलखिन्ह हुनकर परम शिष्य रे
ललना देलखिन्ह आतम ज्ञान से
संत बाबा देवी साहब रे।
खोजलखिन्ह स्थान भागलपुर कुप्पाघाट से
बिना अन्न- पानी के छः मास साधना गुफा केए अंदर केलखिन्ह रे ललना रे लिखलखिन्ह बहुत धर्म ग्रंथ से जैमें एकटा पदावली रे ।
कुप्पाघाट से बढलैन हिनकर ख्याति से
ओतै से प्रसिद्ध भेलखिन्ह रे
ललना रे ओतै से पावलखिन्ह पद निर्वाण से
महर्षि मेॅ॑हीॅ॑ के नाम सेए प्रसिद्ध भेलखिन्ह रे।
करलखिन ब्रह्मचर्य के पालन
परिवार मोह माया सेअ दूर रहलखिन्ह रे
ललना रे मिललैन शिष्य पुत्र
महावीर जी जिनकर नाम अपनैक संतसेवी जी राखलखिन्ह हे।
धन्य गाॅ॑व सिकलीगढ़ धरहरा से
धन्य हमर पूर्णियाॅ॑ जिला रे
ललना रे धन्य माता जनकवती पिता बबूजन बाबू
जिनकर घर महर्षि मेॅ॑हीॅ॑ जन्म लेलखिन्ह रे।
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नीतू रानी पूर्णियाॅ॑ बिहार।