स्वच्छता अपनाओ
अजब सी उलझन दिख रही है
बेटी के चेहरे पर आज,
मैंने पूछा क्या हुआ बेटी
क्यों हो इतनी तुम उदास ।
दुखी मन से बोली मेरी बेटी
है बहुत गम्भीर ये बात,
रक्तस्राव हुआ है हमको
इसलिए हूँ मैं आज निराश ।
आओ तुम्हें मैं आज बताऊँ
यह तो है प्राकृतिक बदलाव,
माहवारी कहते हैं इसको
स्वच्छता का रखो तुम खयाल ।
बारह वर्ष से ऊपर के बच्चे में
होता है कुछ शारीरक बदलाव,
हार्मोनल चेन्ज कहते हैं इसको
नहीं इससे घबराने की बात ।
प्रत्येक महीने अब होगा ऐसा
रखना इसका बेहतर ध्यान,
मन को रख मजबूत तुम बेटी
नहीं कोई परेशानी की बात ।
इस पीरियड में रहो सतर्क
स्वच्छता का तुम रखो ध्यान,
स्वच्छता को अपनाना है
माहवारी स्वच्छता सप्ताह मनाना है ।
बोली बेटी समझ गई मैं
नहीं कोई डरने की बात,
जागरूकता फैलाऊँगी मैं
स्वच्छता को अपनाऊँगी ।
भवानंद सिंह
उ.मा.वि.मधुलता
रानीगंज, अररिया
Bhawanand Singh