हे हिन्दी,
आप हमारी आन है,
आपसे हमारी शान है,
आपसे ही हमारी पहचान है
पहला शब्द मां हिन्दी का,
गांधी जी का हे राम हिन्दी का,
तुझमें जाने कितनी बोली,
सभी भाषाओं की तुम हमजोली
हिन्दी है पहचान हमारी,
सबों के दिलों को यह भाती,
अनहद सी कल-कल यह भाषा,
हम सभी का मन बढाती
हिन्दी हमारी आशा-विश्वास
तुम्ही से,
हिंदुस्तान की पहचान तुम्ही से,
तुम्हें तेरे जाने रूप है कितने,
अगणित भाषाओं का जन्म तुम्ही से,
हे हिन्दी,
तुम्हें कैसे वंदन करूं बता दे,
कहां-कहां तक फैली दिखा दे,
चल ले चल हमें वहां,
जहां न हो हिन्दी वह
जगह दिखा दे
जय हिंद, जय हिन्दी
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