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होली तेरे संग चले -मनोज कुमार

Manoj (Vaishali)

होली तेरे संग चले

हर एक कली जब बोल उठे,
मादक मंजर रस टपके,
कोयल कूके तन तरसे,
बाग की पक्षी चहक उठे,
मन मोर दीवानी मचल कहे,
चल छोड़ यहां कहीं और चले,
यूँ होली तेरे संग चले।

राग-रंग-से अंग खिले,
नयन प्यासी अर्ज करे,
पुष्प प्रेम संग भौंरे गूंजे,
दसों दिशाएं दिव्य लगे ,
पवन पुकारे चांद कहे ,
चल छोड़ यहां कहीं और चले ,
यूँ होली तेरे संग चले।

कैलस से जब शिव कहे
चल काशी में हम नृत्य करें ,
मथुरा बृंदावन बोले,
मुरली धून पर तन डोले;
राम रसायन सरयुग तट से ,
वाणि निकले हर एक मन से ,
चल छोड़ यहां कहीं और चले,
यूँ होली तेरे संग चले।

होली की हार्दिक शुभकामनाएं

मनोज कुमार

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