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स्तनपान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

Jainendra

स्तनपान

मां के गर्भ में बच्चा जिस दिन से आता है।
उसी दिन से दोनों में जुड़ता अटूट नाता है।।
रखती है नौ मास उसे सहेज कर अपने उदर में।
देखती है नित्य दिन सपने संजो कर जिगर में।।
गूंजती है जब आंगन में एक नई किलकारी।
माता रूप में तब सम्मान पाती है जग में नारी।।
अंक में भरकर उसे चूमती कराती स्तनपान।
अपने शिशु में माता की हरदम बसते प्राण।।
मां का दूध बच्चों के लिए होता है अमृत समान।
प्रसव वेदना भूल उसे मां देती है जीवनदान।।
मां का दूध से अच्छा जग में नहीं है उत्तम आहार।
पौष्टिक, सुपाच्य, बलवर्धक इसे मानता है संसार।।
मां का दूध निरोगी होताबढ़ाता है रोग निरोधक क्षमता।

स्नेह, प्यार, आशीष उक्त दुनिया में होती मां की ममता।।
मां का दूध बच्चों के लिए हमेशा से है ईश्वरीय वरदान।
अतः निसंकोच माता-बहनें बच्चों को कराएं स्तनपान।।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि
म. वि. बख्तियारपुर
पटना (बिहार)
#WBW2021
#Early Moments Matter.

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