ओ भैया आयल रे भैया
दीपक रौशनी झल‑झल हे,
नीप कै झलकै घर‑आँगन रे।
बहिन अरिपन बनबै ये पीढ़ी पर ,
थार सजा आरती फूलक तिलक रे।
ओ भैया आयल रे भैया,
नेहक थार लय आयल भैया।
यमुना नोतल यम के जेना,
हम नोत रहल छी तोरा हे भैया।
धार जेना बहै यमुना निरंतर,
तेहिना बढ़ू आयु अहाँक हे भैया ।
पिठारक तिलक लगैलौं, पान सुपारी चढ़ैलौं,
पकवान संग स्नेह परोसों ।
भटवर, तिलकोर, तरुआक थार,
खुशी भरल बहिनक घर‑बार।
ओ भैया आयल रे भैया,
नेहक थार लय आयल भैया।
भाय कहै — “तोहर आशीष सँ,
जीवन हमर उजियार भेल।”
बहिन कहै — “हमर भाय रहू,
दीर्घायुः, सुख‑सम्पन्न भेल।”
मिथिला गाबै मंगल गीत,
आँगन गूँजै स्नेहक प्रीत।
भाय‑बहिनक बंधन नेह,
भरदुतिया पर्व बनल अमृत स्नेह।
प्रस्तुति – अवधेश कुमार
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय रसुआर , मरौना , सुपौल
0 Likes

