Site icon पद्यपंकज

बाल अधिकार-रीना कुमारी

बाल अधिकार 

आओ बच्चो तुम्हें बताएँ तेरे ये अधिकार,
एसे तो होते है बच्चे अनेकों अधिकार,
पर होते अधिकार ये बच्चे मुख्य रूप से चार।

आओ बच्चों तुम्हे बता दे आज पते की बात,
आज बताए तुम्हे तुम्हारे क्या क्या है अधिकार।
आओ बच्चों————-

प्रथम है बच्चे तेरे ये अधिकार, जिसे कहते है जीवन का अधिकार।
गर्भ में पलने से लेकर अच्छे जीवन जीने का अधिकार,
जन्म पंजीकरण से लेकर, नाम संस्करण का अधिकार,
माता-पिता के साथ में रहकर अच्छे नागरिक बनने का अधिकार।
आओं बच्चों तुम्हे ————-

द्वितीय होते है बच्चे तेरे ये अधिकार, जिसे कहते है विकास का अधिकार।
अच्छे स्वास्थ्य से लेकर विद्यालय जाने का अधिकार,
अच्छी शिक्षा पाने से लेकर, मन पसंद खेल खेलना,

मैत्री भाव बनाने का अधिकार सर्वांर्गिन विकास हो तेरा,

साथ ही समाजिक कार्य में रूचि रखने का अधिकार।
आओं बच्चो तुम्हें ———-

तृतीय होते है बच्चे तेरे ये अधिकार, जिसे कहते है संरक्षण का अधिकार।
जिसमें माता-पिता या पालक के संग रहने का अधिकार,
शोषण और उपेक्षा न हो तेरे संग न ही हो कोई दुव्यर्वहार।

हमेशा ही पाते रहो तुम,
सुरक्षा अधिनियम का अधिकार

और सदा खुशमय वातावरण में रहने का तुम्हें है अधिकार।
आओ बच्चो तुम्हें———–

चौथे होते है बच्चे ये तेरे अधिकार,

जिसे कहते है, सहभागिता का अधिकार।
जिसमें स्वतंत्र जीवन जीने से लेकर,

अपनी सहभागिता दिखाने का अधिकार।
जीवन को प्रभावित करने वाले समस्याओं पर दे सको तुम अपना विचार।
कोई न करे तेरे संग हिंसा न ही अत्याचार।
राष्ट्रीय सुरक्षा बाल अधिनियम के तहत तुम समझो ये अपने अनेंको अधिकार।
आओं बच्चों तुम्हें——–

रीना कुमारी
प्रा० वि०सिमलवाड़ी पशिचम टोला
बायसी पूर्णियाँ 

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version