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भारत की ऋतुएं-शुकदेव पाठक

भारत की ऋतुएं

भारत की मुख्य ऋतुएं हैं तीन
पर परंपरागत ऋतुएं हैं छः
शरद ग्रीष्म वर्षा है तीन
वसंत ग्रीष्म वर्षा शरद
हेमंत तथा शिशिर ऋतु है छः
बसंत है ऋतुओं का राजा
शुक्ल पंचमी से शुरू हो जाता
धरती का मौसम सुहाना लगता
आम बौरों से लद जाता
इसके बाद आता है ग्रीष्म
उड़ जाती बसंत की कोमलता
मानव पसीने से नहाने लगता
प्यास से गला सूखता रहता
तीसरी ऋतु होती है वर्षा ऋतु
सक्रिय हो जाता इसमें मानसून
वर्षा से जीवन-धरती उठते झूम
जल है जीवन के लिए महान
अगली ऋतु आती है शरद
वृष्टि थमती मौसम होता सुहाना
दिन सामान्य रात ठंडा हो जाता
शरद पूर्णिमा का सौंदर्य अनोखा
पांचवी ऋतु का नाम है हेमंत
करता किसानों के दुखों का अंत
खेतों में खरीफ फसल पक जाता
शारीरिक दोष सब शमन हो पाता
घना कोहरा जबर्दस्त ठंड है आई
मतलब सीधा शिशिर ऋतु है भाई
मेवे, दूध, गुड़, तिल के पकवान
उत्तरायण होते इसमें सूर्य भगवान
सभी ऋतु का होता अलग आहार
करता शुकदेव बार-बार बखान। 

✍️ शुकदेव पाठक
मध्य विद्यालय कर्मा बसंतपुर
कुटुंबा औरंगाबाद

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