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भारत महान-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

भारत महान

हमारा भारत देश महान है,
हमें तिरंगे पर अभिमान है।
उत्तर में है खड़ा हिमालय,
घर-घर मंदिर और शिवालय।
तीन ओर से अंक में लेकर,
सागर करता गुणगान है।
दक्षिण में है कन्या कुमारी,
उत्तर स्वर्ग सी काश्मीर हमारी।
पूरब से पश्चिम तक फैली,
अपनी धरती, आसमान है।
भारत का है शान तिरंगा,
देव नदी है यमुना-गंगा।
ऋषि मुनि इसके संगम पर,
नित दिन करते स्नान हैं।
पवित्र ग्रंथ रामायण, गीता,
गोद में बहती अनेकों सरिता।
महापुरुषों की इस धरती में,
ईश्वर के बसते प्राण है।
धर्म प्रधान यह देश हमारा,
सभी धर्मों में है भाईचारा।
मंदिर, गुरूद्वारा में शब्द कीर्तन,
मस्जिद में होती अज़ान है।
सर्वोत्तम है संविधान हमारा,
अनेकता में एकता का नारा।
हिन्दी इसके माथे की बिंदी,
जन-गण-मन राष्ट्र गान है।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि

बाढ़, पटना

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