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भारतीय संविधान-रीना कुमारी

Rina

भारतीय संविधान

आओ बच्चों करें हम आदर अपने संविधान का,
कभी न करें हम निरादर अपने संविधान का।
करते आए हैं हम आदर अपने राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का,
यूं ही सदा करेंगे आदर अपने संविधान का ।

सदा खड़े रहेंगे हम राष्ट्र सेवा के लिए,
सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा के लिए ।
अपने देश की रक्षा करना हमारा है पुनीत कर्तव्य 
तभी तो पूरा होगा बच्चों अपना सच्चा यह कर्तव्य। 
हम सबको समझेंगे सदा ही समान,
प्रेम, शांति से करेंगे हर समस्या का समाधान।
अपने पर्यावरण की रक्षा करना है अपना अधिकार,
तभी तो रंग लाएगी अपना यह व्यवहार।
26 जनवरी 1950 को जब लागू हुआ अपना संविधान,
तभी मिली हमसबों को बच्चों अधिकार समान।
जिसे हम सब कहते है मूल अधिकार,
आओ अवगत कराये ये है अपना मूल अधिकार।
सर्व प्रथम जो कहलाता समता का अधिकार,
दूजा जो कहलाता स्वतंत्रता का अधिकार।
तीसरा जो कहलाता शोषण के विरुद्ध अधिकार,
चौथा जो कहलाता धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार।
पॉचवा जो कहलाता शिक्षा और संस्कृति का अधिकार,
छ्ठा जो कहलाता संवैधानिक उपचारों का अधिकार।

अपने संविधान पर हम सबको है अभिमान,
प्रण करे कि सदा ही रखेंगे हम इसकी शान।

आओ बच्चों ! करें हम आदर अपने संविधान का ,
कभी न करें हम निरादर अपने संविधान का।

रीना कुमारी
प्रा० वि० सिमलवाड़ी पशिचम टोला
पूर्णियॉ बिहार

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