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चंदा मामा-अशोक कुमार

Ashok

चंदा मामा

चंदा मामा चंदा मामा,
हम सब के प्यारे मामा।
काली रात डरावनी लगती,
रात में उजाला कर देते।।

चंदा मामा रोज नहीं आते,
कहां तुम चले जाते।
अंधेरी रात को तुम क्यों नहीं?
रोज रोज भगाते।।

अंधेरी रात जब आए,
हम सब को कुछ नहीं भाए।
मेरी मां जब तुम्हें दिखाएं,
मन में खुशियां दौड़ी आती।।

मामा अपना रूप तुम,
हमेशा बदलते रहते हो।
हम सब सोच में पड़ जाते,
ऐसा तुम जब करते हो।।

मामा जब मैं रोता,
मां तुम्हें दिखाती।
मुझे मनाने के लिए,
लोरी सुनाती।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

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