माँ – रूचिका

जीवन की कड़ी धूप में शीतलता का एहसास, माँ हर रिश्तों से है जुदा बेहद हीं खास, माँ जीवन की आपाधापी में एक नरम ठाँव, माँ से ही जुड़ी है…

कोयल बोली मीठी बानी- सुरेश कुमार गौरव

कोयल बोली मीठी बानी, जैसे बजे मधुर तान, डाली-डाली झूम उठी है, हरियाली मुस्कान। नीम की डाली पर बैठी, गाए प्यारा गीत, सुनते ही मन हर्षित होता, हर बच्चा हो…

चित्रधारित सृजन – नीतू रानी

जल से भरकर पात्र को रखना निशदिन भाय, आएगी चिड़िया पानी पीने जाएगी प्यास बुझाय। पीती है पानी चिड़िया हृदय से निकलता धन्यवाद, जो पानी पिलाने का पुण्य करता वह…

प्रेम की शक्ति – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

आओ मिल हम गायें सब गीत, है प्रेम की रीत सुहावनी भाई। प्रेम की शक्ति अपार सुनो, इस शक्ति से पार न दूजो है पाई।। ढाई है आखर प्रेम सुनो,…